बस स्टैंड

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वो बस स्टैंड के पास खड़ी ए रूट वाली बस का इंतिज़ार कर रही थी उस के पास कई मर्द खड़े थे उन में एक उसे बहुत बुरी तरह घूर रहा था उस को ऐसा महसूस हुआ कि ये शख़्स बर्मे से इस के दिल-ओ-दिमाग़ में छेद बना रहा है। उस की उम्र यही बीस बाईस बरस की होगी लेकिन इस पुख़्ता साली के बावजूद वो बहुत घबरा रही थी जाड़ों के दिन थे पर इस के बावजूद इस ने कई मर्तबा अपनी पेशानी से पसीना पोंछा उस की समझ में नहीं आता था क्या करे बस स्टैंड से चली जाये कोई ताँगा ले ले या वापस अपनी सहेली के पास चली जाये।