रात के ११बजे - भाग - ५

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रह गया है। जब वे सामान लेकर होटल पहुँचते हैं तो देखते हैं कि राकेश अभी भी हाथ में व्हिस्की का गिलास लिये बैठा है। उसके चेहरे पर मुस्कराहट थी। दूसरे दिन सुबह सभी देर से उठे थे। बादल घिरे हुए थे। रात को कुछ पानी भी गिर गया था। बरसात का प्रभाव होटल के बाहर हर ओर दिख रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे पूरी पचमढ़ी को धोया गया हो। ठण्डक भी बढ़ी हुई थी। मानसी राकेश और गौरव के कमरे में आ गई थी। वहीं बैठकर वे चाय पी रहे थे। गौरव ने राकेश से पूछा- आज