छूटी गलियाँ - 5

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मेरी वापसी का दिन आ गया, मैं सनी को खींच कर अपने सीने से लगाना चाहता था पर हमारे बीच की दूरी ने मेरे हाथ उसके कंधे तक पहुँचने ही नहीं दिए। वापस आकर मैं रोज़ गीता से बात करता रहा। सनी पर केस दर्ज़ हो गया था, लेकिन उसकी जमानत हो गयी थी। उसकी शराब पीने की आदत लत बन चुकी थी कम उम्र में हुए इस आघात, दोस्तों की बेरुखी और मेरे और उसके बीच की दूरी ने उसे बहुत अकेला कर दिया था और उसने शराब को अपना साथी बना लिया। अब तो वह अपने कमरे में अकेले बैठा शराब पीता रहता। गीता के मना करने या समझाने पर चिल्लाने लगता, तो और क्या करूँ? मेरी जिंदगी में अब रखा ही क्या है? कोई मुझे नहीं चाहता मैं कहीं चला जाऊँगा या कहो तो जहर खा लूँ।