मेरे पोस्टमैन

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मेरे पोस्टमैन यश वन्त कोठारी आज मैं पोस्टमैनों की चर्चा करना चाहता हूं। कारण स्पष्ट है कि बिना पोस्टमैन के लेखक का जीवन अधूरा है। सच पूछा जाये तो पोस्टमैन ही लेखक का सच्चा मित्र होता है। लेख सम्पादक तक पहुंचाने तथा चैक या धनादेष को लेखक तक पहुंचाने में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी पोस्टमैन ही है। आज ई मेल और कूरियर के जमाने में भी पोस्टमैन का महत्व कम नहीं हुआ है। अपने इस जीवन में तरह-तरह के पोस्टमैनों से काम पड़ा है। कुछ पोस्टमैन निहायत ईमानदार, कर्तव्यपरायण और कुछ बिलकुल विपरीत। कुछ सीधे, सरल, सज्जन और कुछ