वीकेंड चिट्ठियाँ - 1

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उन सभी लड़कियों के नाम जो पहले नहीं मिलीं! ज़िंदगी से यूं भी तमाम शिकायतें हैं मुझे. लेकिन उन तमाम शिकवों में से एक ये भी है कि ज़िंदगी मुझे तुमसे पहले नहीं मिलवा सकती थी. हालांकि ऐसे सोचो कि तुम अगर पहले मिल जाती तो क्या हो जाता, क्या कुछ बदल जाता? हां शायद या नहीं शायद. यार, प्यार में ‘शायद’ से ज्यादा Certain कोई verb ही नहीं होती.