भाग – ८ करीब छ घंटे पहले सूरज जब कोलेज आया था तो सालो के बाद फिर अपनो से मिलने और अपनी जिन्दगी सजाने के सपने उसके दिलमे उछल रहे थे, मगर अभी वो अपनी सारी उम्मीदे छोड़कर और अपने सपनो को तोड़कर उस कोलेज से दूर अनजान राहो पर चलने लगा |सरगम से वो मिल नहीं पाया, उसका तो उम्रभर साथ रहने का वादा था मगर वो भी साथ छोड़कर चली गई, दादाजी आज उन्हें कोलेजमे रखना भी नहीं चाहते थे | कोलेज के हालत बिगड़ चुके थे और इस सबका जिम्मेदार सूरज खुद था ऐसा सब मान चुके