अनहोनी की निशानी होती है कि हमें अंदाजा नहीं होता,और जो हो जाता फिर उस से उबरने के कोई रास्ता नहीं होता।लेकिन अक्सर जिसे हम अनहोनी कहते या समझते है वह अनहोनी नहीं हमारे द्वारा जानबूझकर की गयी गलतियों या उन्हें नजरअंदाज करते रहने का परिणाम होता है।