जनवरी २०१९ की कविताएं१.मैं भटका-भटका रहता थातुम मौन-मौन से रहते थे,धूप ,धूप सी होती थीमन अपना ही प्रतियोगी था।तुम आकाश से बन जाते थेआकाश से क्या कहना था?धरती के फूलों सेमुझे रिश्ता अपना रखना था।सब भू -भागों मेंमेरा भू-भाग अद्भुत था,जहाँ मैं भटका-भटका रहता