भावनाओं का बाज़ारीकरण

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भावनाओं का बाजारीकरणभावनाओं का मानव जीवन में बड़ा ही महत्व है । भाव या इमोशन्स जीवन के वे अंग हैं जिनके बग़ैर जीवन ब्लैक एंड व्हाइट चलचित्र मात्र रह जाता है । मनुष्य के इमोशन ही हैं जो नीरस जीवन को आनंद और रंगहीन दुनिंया को रंगों से भरते हैं । कभी कभी मनुष्य अपने इन्ही इमोशन्स के कारण ठगा भी जाता है । जब कभी कोई व्यक्ति अपनी भावनाओं की खुशनुमा रात में दुनिया से बेख़बर चैन की नींद ले रहा होता है , उस वक़्त कोई चोर न जाने कैसे उसके जीवन से कुछ चुरा ले जाता है