कल रात नतू अपनी दुकान से घर की और लौटते हुए हमारी बांकीचाल के कंपाउंड में ही मुझे मिल गए. दीवाली के मौके के चलते बाजार में बड़ी तेजी है इसलिए उन्हें घर लौटने में देर हो जा रही है.“अरे सुलू सा’ब, ये “गेंदारामानी” को अपना बिजनेस चलाना नहीं आता और हमारे बिजनेस में सेंध मार रहा है.”नतू ने गेंदारामानी से होने वाली परेशानियों का दुखड़ा रोते हुए कहा. उसकी बात सुन, में असहाय सा हो गया, उन लोगों का मामला ऐसा है, की कोई आश्वासन देना भी हास्यास्पद लगता सो, हमारे बीच इधर उधर की दो चार बाते हुई,