मनाली की दूसरी यात्रा साथियों,हमें अपने जिंदगी के 52 सालों के सफर में परंपरागत व्यवसाय करते हुए कभी भी बाहर निकल कर घूमने का मौका नही मिल सका। यहाँ तक की मेरे पिता जी झारखंड के जमशेदपुर में सेवानिवृत्त होकर मेरे छोटे भाई विनोद केसरी के साथ ही रह रहे है । लेकिन वहाँ मैं केवल अपनी जिंदगी में एक बार 16 वर्ष पहले बीबी बच्चो के साथ गया था। लेकिन धन्यवाद अमूल्या हर्ब्स का जिसके बदौलत हमने मात्र 3 साल 6 माह में देश के कई भागों की यात्राएं की, वह भी मुफ्त में। आप सोचेंगे कैसे तो बताता