अच्छाईयां - ५

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भाग – ५ सूरज की आँखे विश्वास नही कर पाई की ये आवाज उनकी हो सकती है ? सूरज उनकी ओर देख के हैरान हो गया...!! सूरज को लगा की उनकी आँखोंमें जो आजतक प्यार ही प्यार था वहा से आज अंगारे उगल रहे थे | सूरजने उनकी आवाज और उनकी आँखों का गुस्सा नजर अंदाज किया और वो पास जाकर उनके पैरोमें बैठ गया, वैसे ही जैसे वो जब छोटा था तब बैठा करता था....! उनके पैरो की छाँव में सूरज को शुकून मिलाता था | वो उसके प्यारे दादाजी पंडित दीनानाथजी थे | सूरजको पैरोमें बैठता हुआ और