हिम स्पर्श 41

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41 “एक अपूर्ण कदम नामक चित्र मैं अभी रचने नहीं जा रही हूँ। तुम अपने पैर धरती पर रख सकते हो। अपूर्ण कदम पूर्ण कर सकते हो।“ वफ़ाई हंसने लगी। जीत ने अपूर्ण कदम पूर्ण किया। “जीत, नींबू रस लो।“ वफ़ाई ने नींबू रस का एक ग्लास भरे जीत को दिया और दूसरा अपने हाथ में लिए झूले पर बैठ गई। वफ़ाई धीरे धीरे झूलने लगी। आँखें बंध कर जीत दूर खड़ा रहा। दोनों नि:शब्द होकर रस पी रहे थे। वफ़ाई जीत को देख रही थी। “मैं इस मुद्रा का भी चित्र रचूँगी और उस का नाम होगा- अपूर्ण