लोगों को क्या मालूम कि सिन्हा जी चाट रहे हैं या झेल रहे हैं कोई फोड़ा जो फूटने का नाम नहीं ले रहा। यह कोफ्त भी तो हो सकती है उनकी, मवाद के नहीं बहने की। कामयाबी की पैमाइश इसी से होती है कि किस खबर का क्या इंपैक्ट रहा। ऐसे में उनकी राजूवाली ह्यूमन स्टोरी पर कहीं कार्रवाई. हो गई..तो स्साला ऐसे मे रोजी-रोटी के लिए तोमारा-मारा ही फिरेगा ना। कार्रवाई हो गई तो फिर तो राजू आईएसएम गेट के पासवाले गैरेज में न तो पंचर टायर बना सकता है और न ही स्टेशन की मोंछू चाय दुकान में कप-प्लेट ही धो सकता है। आटो हैंडल संभालनेवाले हाथ से यह सब कैसे होगा, ‘‘भोंसड़ी’ के जी भर के गाली देगा।‘ उसी की जबान में एक पंच लाईन चल पड़ती है उसके दिमाग की स्क्रीनपर। गाड़ी मालिक पर कार्रवाई होगी सो अलग। वैसे तो इस शहर में कानून की मुश्तैदी चार दिन की चांदनी है।