1993 में आफिया ने पहला सेमेस्टर खत्म होने के बाद, छुट्टियों में परिवार को मिलने जाने का मन बना लिया। ग्रीष्म अवकाश प्रारंभ हुआ तो उसने टिकट खरीदी और अगले ही दिन पाकिस्तान पहुँच गई। उसके कराची पहुँचने के दो दिन बाद उसका मामा एस.एच. फारूकी अपनी पत्नी सहित उसको मिलने आ पहुँचा। दोपहर के भोजन के बाद पूरा परिवार ड्राइंग रूम में बैठा बातों में मशगूल हुआ पड़ा था।