सड़कछाप - 9

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अंधेरा हो गया तो तामशबीन छंट गये और तमाशाई थक गये थे। रामजस और अमरेश एक दूसरे को पकड़े बैठे रहे। जब हाथ को हाथ सूझना बंद हो गया तब मैना ने अपने घर से एक लालटेन जलाकर भेज दिया। बरामदे में हनुमन्त के बड़े बेटे अखिलेश्वर ने लालटेन लाकर टांग दिया। अखिलेश्वर को लोग अखिल के नाम से बुलाते थे वो अमरेश से सिर्फ दो महीने छोटा था और अपने छोटे भाई के साथ प्राइवेट शिशु मंदिर में पढ़ता था अपने छोटे भाई महेश्वर के साथ जिसे सब महेश बुलाते थे। सर्दी की रात बहुत बहुत जल्दी भयावाह लगने लगती है।