36 “जीत, आ जाओ सब तैयार है। यह केनवास तुम्हारी प्रतीक्षा में है।“ जीत ने केनवास को देखा। वह उसे आमंत्रित कर रहा था। वह दो तीन कदम चला और रुक गया। उसने केनवास को फिर देखा। उसे अंदर से कोई रोक रहा था, वह आगे नहीं बढ़ सका। वफ़ाई ने जीत के कदमों को देखा और समझ गई की जीत बारह-तेरह कदमों का अंतर पार नहीं कर पा रहा है। वफ़ाई ने जीत का हाथ पकड़ा और केनवास तक खींच लाई। जीत को पेंसिल हाथ में देते वफ़ाई ने कहा,” इस झूले का चित्र बनाने का प्रयास करो। उसे