कविता संग्रह २...

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अक्सर..."यूँ अक्सर जिंदगी सताती है.... कभी हसाती है, कभी रुलाती है...यूँ अक्सर जिंदगी सताती है...ये कुछ सिखाती... कुछ यह कहना चाहती है...कभी बनाती है, कभी बिगाड़ती है...यूँ अक्सर जिंदगी सताती है...ये कही कहा ले जाती है, ये क्यों उलझाती है...कभी रास्ते बिछड़ते है, कभी मंजिले रुस्वा होजाती है....ये जिंदगी.... यूँ अक्सर सताती हैकभी हारती है, कभी जीताती है...बेवजह सी बातों में अक्सर खो जाती है...हस्ते हुए आँखों में आंसू दे जाती है...जिंदगी... यू अक्सर सताती है...रोते रोते, कभी आंसू सुख जाते है....रोते