नया साल

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कैलिंडर का आख़िरी पता जिस पर मोटे हुरूफ़ में31 दिसंबर छपा हुआ था, एक लम्हा के अंदर उसकी पतली उंगलीयों की गिरिफ़त में था। अब कैलिंडर एक टिंड मंड दरख़्त सा नज़र आने लगा। जिसकी टहनियों पर से सारे पत्ते ख़िज़ां की फूंकों ने उड़ा दिए हों। दीवार पर आवेज़ां क्लाक टिक टुक कर रहा था। कैलिंडर का आख़िरी पत्ता जो डेढ़ मुरब्बा इंच काग़ज़ का एक टुकड़ा था, उस की पतली उंगलियों में यूं काँप रहा था गोया सज़ाए मौत का क़ैदी फांसी के सामने खड़ा है।