लौट आओ दीपशिखा - 10

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शेफ़ाली और दीपशिखा अब रोज़ आयेंगी यह जानकर सैयदचचा की बाँछें खिल गई थीं वैसे भी वे दिन भर स्टूल पर बैठे-बैठे तम्बाखू फाँकते थे और ऊँघते थे अब रौनक रहेगी दो महीने देखते ही देखते बीत गये कलाकुंभ का दिन भी नज़दीक आ गया केरल जाने की पूरी तैयारी हो चुकी थी शेफ़ाली ने बताया था- “मालूम है दीपू..... केरल में बहुत लार्ज स्केल मेंकलाकुंभ का आयोजन हो रहा है सात जगहों पर प्रदर्शनी का इंतज़ाम है कुछ चित्रों को पब्लिकप्लेसेज़ में भी रखा जाएगा ताकि आम आदमी भी चित्रकारों से रूबरू हो सके ”