भाग दौड़ वाली जिंदगी से अनिता खुश तो नही थी पर ये उसकी नियति बन गयी थी , उसने हमेशा से सोचा कि बस ग्रहस्थ जीवन जीऊँगी जहाँ घर की जिम्मेदारियों को बख़ूबी निभाउंगी, पर जो हम सोचते है अक्सर वो हमारी किस्मत में होता नही , ठीक वैसा ही अनिता की जिंदगी में हो रहा था, शादी को 12 साल बीत चुके थे एक बेटी और एक प्यारा सा बेटा था, पति वैसे तो बहुत अच्छे स्वभाव के थे परंतु आर्थिक तंगी की चोट से घायल थे, एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत थे, तनख्वाह इतनी ही होती जितना घर