एक रोज रामजस आये तो उनके हाथ मे बाज़ार की कई किस्म की साग-सब्ज़ियां थीं। उन्होंने सरोजा को पुकारा वो आयी तो रामजस ने कहा - ‘’ये सब ले जा खाना बना डाल, मीठा और खीर का भी इन्तेजाम कर ले, कुछ मेहमान आएंगे आज रात । ”
सरोजा ने कहा “क्या जिज्जी, जीजा आएंगे” उसका मतलब उसके ननद-ननदोई से था