शब्द

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शब्द अजीब विरोधाभास है शब्दों में। अजीब द्वंद्व है शब्द भरोसे में, विश्वास में, आस्था में, घृणा में, प्रेम में। दरअसल शब्दों का कार्य है एक खास तरह के विचार को प्रस्तुत करना। किसी मनःस्थिति, परिस्थिती, भाव , वस्तु , रंग, दिशा, दशा, जगह, स्थान, गुण, अवगुण इत्यादि को दर्शाना। शब्दों का मानव के विकास में बहुत बड़ा योगदान है। शब्दों के कारण वो पशु से अलग हो पाया। अपने मन के दशा के प्रस्तुतिकरण में मानव ने शब्दों का बहुत हीं खुबसूरत उपयोग किया। जरा सोचिए अगर किसी बंदर को कोई चीज मीठी लगती है तो वो उस मीठेपन के एहसास को अपने