कुछ दिनों बाद प्रधान का चुनाव होने वाला था। वर्तमान प्रधान एक दिन महावीर सिंह के पास आया। और बोला, “महावीर सिंह जी जिस तरह हर बार आपका सहयोग मिल रहा था उस तरह इस बार भी आपका सहयोग मुझे चाहिए होगा।” “अरे अब तो मुझे तुम सेवा निवृत ही समझो अब तो ना तो उतनी भाग दौड़ मुझसे होती है और ना मैं करना ही चाहता हूँ सबकुछ अब कर्मवीर ही देखता है इसलिए उससे ही बात करने में तुम्हारा फायदा है।” महावीर सिंह जानते थे कि कर्मवीर इस बार मुखिया के लिए मंगरू को चुनाव लड़वाने वाला है इसलिए महावीर सिंह ने पहले ही अपना पल्ला इससे झाड लेना चाहा।