बाल नाटक--- आलसी शीनू लारी लप्पा लारी लप्पा लारी लप्पा ला आओ झूमें नाचें ज़रा. लारी लप्पा लारी लप्पा लारी लप्पा ला खायें पियें सोयें ज़रा. लारी लप्पा लारी लप्पा लारी लप्पा ला. जंगल मे शीनू गीदड मीनू गीदडी का हाथ पकड कर नाच गा रहा है. वहीं पर बया रानी अपना घोंसला बना रही है. बादल उमडते देख कर मीनू से बोली—- मीनू बहिन! बरसात का मौसम आने वाला है. मैं तो अपने बच्चों के लिये घोंसला बना रही हूं.तुम भी अपने नन्हे-मुन्नों के लिये प्रबंध कर लो. मीनू अपना हाथ छुडाकर रुककर सोचने