चारों तरफ कर्मवीर चर्चाएँ शांत होने का नाम नहीं ले रही थी। एक दिन कर्मवीर के मैनेजर का फोन आया। “हेल्लो।” “हाँ जी हेल्लो क्या मेरी बात कर्मवीर से हो सकती है?” उधर से आवाज आई। “हाँ जी वो यहीं है रुकिए मैं अभी उसे फोन देता हूँ।” महावीर सिंह ने उत्तर दिया और फोन कर्मवीर को देने लगे। फोन लेते समय कर्मवीर ने उन्हें धीरे से कहा कि एक बार पूछ तो लिया कीजिये कि कौन बोल रहा है उसने कहा कि कर्मवीर से बात करनी है और आपने मेरी ओर फोन बढ़ा दिया। हालाँकि उसने फोन लिया और फिर कहा,