हिम स्पर्श 30

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जीत सूर्योदय से पहले ही जाग गया। कुछ समय होस्पिटल में ही घूमता रहा। वह बाहर निकला और राज मार्ग पर आ गया। मार्ग खाली से थे। केवल कुछ कोहरा था। चाय की एक दुकान खुली थी। वहाँ दो तीन लोग मध्धम ठंड का गरम चाय के साथ आनंद ले रहे थे। जीत ने भी चाय मँगवाई। चाय आई। वह चाय पीने लगा, धीरे धीरे। जैसे वह समय को रोकना चाहता हो। अपनी मृत्यु को दूर रखना चाहता हो। वह धीरे धीरे पीता रहा। एक कप चाय पीने में जीत को पूरे 26 मिनट लगे। इस बीच कई लोग चाय