यह उन दिनों की बात है जब वीरू 8 वीं के बाद 9 वीं की पढ़ाई करने के लिए शहर गया और उसका ऐडमिशन एक प्राइवेट स्कूल में कराया गया। वह शहर की जिंदगी से पूरी तरह से अंजान था। उसे स्कूल के बच्चे देहाती कह कर पुकारने लगे थे। लेकिन वीरू के लिए उन बच्चों द्वारा देहाती कहकर पुकारना बुरा नहीं लगता था क्योंकी वह उस परिवेश में नहीं पला था जहां लोगों की उपेक्षा की जाती हो। वह सीधे साधे गांव के किसान का लड़का था। एक दिन उसके साथ पढ़ने वाली एक लड़की ने जब अन्य लड़कों