प्रकृति मैम [ कहानी ] -प्रबोध कुमार गोविल अरे सर, रुटना रुटना ...अविनाश दौड़ता-चिल्लाता आया। -क्या हुआ? मैं पीछे देख कर चौंका। -सर, टन्सेसन मिलेडा।-अरे कन्सेशन ऐसे नहीं मिलता। मैंने लापरवाही से कहा। -तो टेसे मिलटा है?-उसके लिए प्रिंसिपल को सिगनेचर करने पड़ते हैं। मैंने समझाया।-तो टर दो, आप ही तो हो। -अरे बेटा, उस पर स्कूल की सील लगानी