केन्द्रीय भाव-प्रस्तुत कविता की रचना मैंने यानी रूद्र संजय शर्मा ने की है। जब बच्चा छोटा रहता है तब माता-पिता उसके पालन-पोषण के लिए सफल सफल प्रयास करते हैं परंतु जब बच्चा बड़ा होता है वह अपने माता पिता के द्वारा किए गए एहसानों को भूल जाता है ।उनहे लावारिस छोड देता है ।इसका कारण केवल और केवल स्वार्थ है मेरे अनुसार अगर भारत नामक भाव विश्व ले आता है तो बड़ी से बड़ी सामाजिक समस्या समाप्त हो सकती है माता पिता के कर्म एवं पुत्र के कर्म में अंतर मेरी कविता के माध्यम से मैंने बताया है।