बहोत ही शातिर दिमाग पाया था उसने..!गुलशन को उपर के एक कमरे मे धर दबोचा.!खलिल की अम्मीके शरीर का सहारा लेकर सुलतान को ध्वस्त करने उसने अपनी चाल चली थी!एन वक्त पर खलिल के सामने सुलतान प्रकट न हुआ होता तो जरुर जिन्नात कामियाब हो जाता!अपनी बाजी पलटते देख कर वो क्रोधित हो उठा!वैसे जिन्नात दुगनी चाल चल रहा था!अपनी वैशी ताकत और दरिंदगी के आगे दोनो बाप बेटे को घूटने टेकने पर मजबूर कर देगा!ऐसे ख्याल से बार-बार चाल बदलकर वह सामने आ रहा था!जब उसकी चाल धरी की धरी रहे गई तो वो और अधिक आक्रमक हो