ऐतराज़...एक दौर है ये जहाँ तन्हां रात में वक़्त कट्टा नही...वो भी एक दौर था जहाँ वक़्त की सुईयों को पकड़ू तो वक़्त ठहरता नही...एक दौर है ये जहाँ नजर अंदाज शौक से कर दिए जाते है...वो भी एक दौर था... जहाँ चुपके चुपके आँखों मैं मीचे जाते थे...एक दौर है ये जहाँ आंसू बहते हुए आँखों में सुख जाते है....वो भी एक दौर था... जहाँ हसी के कारण आंसुओं को थामना मुश्किल था....एक दौर है ये जहां बातें किस्से कहें इसड बात पे गम करते है...वो भी एक दौर था जहां बातें करते करते अधूरी न रह जाये इस