हिम स्पर्श - 12

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“और मैं जीत,” युवक ने अपना नाम बताया और फिर आदेश दिया,”वफ़ाई, अपना केमेरा ले लो अन्यथा मैं....” वह आसपास कुछ खोजने लगा। “श्रीमान जीत, मुझे मेरी सभी तस्वीरें भी चाहिए, तभी मैं मेरा केमेरा लूँगी।“ वफ़ाई ने जीत की आँखों में देखा, जीत ने भी वफ़ाई की आँखों में देखा। चारों आँखें क्रोधित थी। “तुम्हें अपना केमेरा वापिस चाहिए अथवा मैं उसे भी रख लूँ?” जीत ने पूछा। “श्रीमान जीत, तुम्हें यह ज्ञात होना चाहिए कि तसवीरों के बिना केमेरा मृत होता है। केमेरे में कोई जीवन नहीं होता। खींची हुई तस्वीरें उसे जीवंत करती हैं। मेरी खींची तस्वीरें