स्वाभिमान - लघुकथा - 48

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आपलोग सूट में देखना चाहेंगे या साड़ी में ? लड़की के पिता ने निरीह भाव से लड़के के पिता से पूछा। वे लोग आज शगुन को देखने आए हुए थे। शगुन ऊब गयी थी अपनी बार-बार की इस नुमाइश से।वह सोचती थी, पढ़-लिख लेगी तो कम-से-कम इस त्रासद प्रक्रिया से तो बार-बार नहीं गुजरना पड़ेगा उसे।