हिम स्पर्श - 10

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10 आठ मिनिट के पश्चात वफ़ाई उस स्थान पर पहुँच गई। जीप को एक कोने में छोडकर वह पंखी की दिशा में चलने लगी। बारह से पन्द्रह पंखी थे वहाँ। वफ़ाई के पदध्वनि से वह सावध हो गए। दूर उड़ गए। वफ़ाई उसके पीछे चलने लगी, चलते चलते एक स्थान पर रुक गई। वहाँ रेत का बड़ा ढग था, जो पंद्रह बीस फिट ऊंचा और तीस चालीस फिट चौड़ा था। पंखी उस ढग के ऊपर से उड़ गए, ओझल हो गए। वफ़ाई ने उस ढग के पार भी उनका पीछा करना चाहा किन्तु नहीं कर पाई। रेत को पार