गाँव से आई एक स्वाभिमानी नानी से दूर रहने वाले दो बच्चों के अंततः पश्चाताप में निखरकर बाहर आने की कहानी।यह कहानी बद्ए होते बच्चों में इमेज़-कांशसनेस की प्रवृत्ति को दिखलाती है।