टीस - एक प्रेम कहानी शाम होने को थी . धुंधलका उतर रहा था . कमरे में तो उतर भी चुका था . मोबाईल की घंटी बजी तो नजरे स्क्रीन पर गयीं . वहां कनिका का नाम चमक रहा था . आज फिर उसका फोन आ गया . उसे विशवास नहीं हुआ . कुछ दिन पहले भी चमका था पर इससे पहले कि वह उठाता , बेल ने बजना बंद कर दिया था .बाद में वह बहुत देर तक फिर से इन्तजार भी करता रहा था कि शायद फिर बेल बजेगी पर बेल नहीं बजी तो