डार्लिंग

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ये उन दिनों का वाक़िया है। जब मशरिक़ी और मग़रिबी पंजाब में क़तल-ओ-ग़ारतगरी और लूट मार का बाज़ार गर्म था। कई दिन से मूसलाधार बारिश होरही थी। वो आग जो इंजनों से न बुझ सकी थी। इस बारिश ने चंद घंटों ही में ठंडी करदी थी। लेकिन जानों पर बाक़ायदा हमले होरहे थे और जवान लड़कीयों की इस्मत बदस्तूर ग़ैर महफ़ूज़ थी। हट्टे कट्टे नौजवान लड़कों की टोलियां बाहर निकलती थीं और इधर उधर छापे मार कर डरी डुबकी और सहमी हुई लड़कीयां उठा कर ले जाती थीं।