एडवेंचर ऑफ़ करुण नायर - रहस्य भरतपुर का - अध्याय 2 रहस्य का आगमन

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सुबह का समय चारो तरफ चिड़ियो की चहचहाहट की आवाज गूंज रही है इंस्पेक्टर शिशौदिया कुर्सी पर बैठ कर किसी फ़ाइल पर आंख गड़ाए हुए है उनके सामने राजकुमार विक्रम भी बैठे है बाहर चाय वाले ओर बाजार का रोज़ाना शोर सुनाई दे रहा है पुलिस स्टेशन में चहलकदमी का माहौल बना हुआ है अचानक गोखले कमरे में प्रवेश करता है थोड़ी देर शांत खड़े होकर एकदम से बोलता है ।सर जिसका डर था वही हुआ साफ साफ कहो गोखले ! इंस्पेक्टर शिशौदिया गोखले की तरफ देखते हुए कहते है ।सर मेने ऐसा केस कभी नही देखा आप भी चोंक जाओगे