सदियो से हम प्रकृति की गोद में जी रहे है। प्रकृति के हम पर इतने अहसान है की हम किसी भी कीमत पर उसे नहीं चूका सकते। लेकिन क्या हमने कभी इसकी क़द्र भी की है? इंसान के मोज शोख वाली जीवन शैली ने न जाने कितना कुछ बदलाव लाए है। जो अनिच्छानिय है। वन कटाई, फैक्टरियां, व्हीकल की मदद से हमने प्रकृति को बहुत नुकशान पहोचाया है। हमने इतना भी ख़याल नहीं किया की हम इससे हमारी आने वाली जनरेशन का कितना नुकशान किया है। क्योकि ये सारे परिवर्तन का असर लंबे समय बाद होता है। प्रकृति में ऐसे