इस पुस्तक में सभी रचनाएं मेरी बहुत पहले की लिखी है। कविताओं में प्रेम के भावों के साथ आस एवं विश्वास का भी सामंजस्य है।आशा करती हूं , पाठकों को मेरी रचनाएं पसंद आयेगी। धन्यवाद वंदना मां मुझे ज्ञान दे, मां मुझे वरदान दे । अज्ञानता तिमिर हर के,ज्ञान का श्रृंगार दे। कोई न मजबूरी हो, कल्पना न कोरी हो। लेखनी में मां मेरी ,शब्द का भंडार दे । तन मन में शक्ति हो, वाणी में ओज हो। देशद्रोह मिटा सकूं, मां ऐसी देश भक्ति दे । तोड