#GreatIndianstories Gems of India स्वामी केशवानन्द एक था बालक बीरमा। गरीब किसान घर से। मां खेत में काम करती तो पिता अपने ऊंट पर सामान लाद कर यहां वहां पहुंचाया करते। बालक के जिम्मे था गऊओं को लेकर खेत-खेत घूम कर उन्हंे चराना। बालक को दिन भर के लिये मिलता कुछ पीने का पानी और खाने के लिये एक या दो मुठ्ठी ग्वार की फली। पहनने के लिए छोटे से कपड़े की एक लंगोटी। वक्त को यह भी नामंजूर हुआ। एक दिन वही चैदह वर्षीय बालक अनाथ हो गया। अनाथ को कोई सहारा नहीं मिला तो वह घर से निकल