जब मैंने उसे देखा था तब वो महज 13 साल का था खाली पेट सो जाया करता था, पर कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया, कपडे फटे थे उसके पर कभी भी अपनी टांग किसी दुसरे की चादर से ढकने की कोशिश नहीं किया. बहुत ही खुद्दार हुआ करता था. होटलों में गिलास धोया, रात को सडको पर सोया ,मैंने बहुत बार कोशिश की उसकी मदद करने की पर उसे उसकी माँ ज़िन्दगी के कुछ वसूल सिखा कर गयी थी. कभी किसी के सामने हाथ न फ़ैलाने की.तब एक दिन मैंने उसे पास बुला कर कुछ पैसे दिए