दिल मेरा कागज का पन्ना..

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आज सुबह से ही सब स्टूडेंट्स खुशी खुश थे.. आज कॉलेज का लास्ट दिन जो था..... कुछ पल में सब अपने दोस्तो से दूर हो जायेगे... फिर न जाने कब कहा अचानक या जान बूझकर मिलना होगा भी या नहीं........कॉलेज के दिन फास्ट चले गए पता ही नहीं चला... कल तो आया.था, मेरी मा, पिताजी ने कितने अरमान का वास्ता देकर भेजा था, मुजे.... ओर वो मेरी छोटी बहन चापलूस सिटी... मुझसे कुछ साल अलग होनेका वक़्त देख थोड़ी मायूस. जरूर हो गई थी.. पर..चापलूसी करना... नहीं छोडा था,भैया.. कॉलेज से एक खूबसूरत भाभी चाहि