जिन्नात की दुल्हन-6

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वरना तेरा भी हश्र यही होगा..! बोल करेगी ना पूरी मेरे दिल की तमन्ना.. उसके बोलने का तरीका सपाट और ईतना सख्त था की वो मना नही कर पाई उसने अपनी मूडीं हिलाई। वह अपनी बेबसी पर रोने लगी थी! अब उसकी कोई मदद नही कर सकता था! अब उसकी लाईफ उसके लिये अभिशाप बन चूकि थी! एसा अभिशाप जिसने उनकी सारी खुशिंयाँ को तबाह कर दिया था! उनके जीवन मे थी सिर्फ चिखे.. कानो के परदे चीरने वाली गूंजे.. जो सिर्फ उन्हे सूनाई दे रही थी। कभी सोचा नही था उन्होने की ये दिनभी देखना पडेगा ! तू मुजे खुश रखेगी तो तेरी जिंदगी मै बख्श दुंगा..! बस तु अपनी बेटी को शादी के लिये तैयार कर.. मै अपना मकसद पूरा कर लूंगा..!