अपनी बेड पर गुलशन बीलकूल निर्वस्त्र पडी थी! उसके दोनो हाथ किसीने जकड रखे हो ईस तरह उपर की और फैले हूये थे! दोनो पैर भी विरुध्ध दिशा मे फैले थे और उन पैरो मे हल्की हल्की हिलचाल थी! गुलशन दर्द से बार बार कराह रही थी उसके होठ बार बार खुल रहे थे सिकूड रहे थे! उन्हे समजते देर न लगी की गुलशन के साथ क्या हो रहा था! उसके बिस्तर पर गुलशन के साथ जरुर कोई था ! वो किसी साये के साथ हम बिस्तर थी..! या अल्लाह..! उनके मुख से दर्द निकला जैसे!