उसे कौन नही पहचानता । इतना बङा आदमी और मेरे दरवाजे पर ठीक है । बात यकीन करने की नही है, लेकिन है तो सच । इतना बङा आदमी और इतनी विनम्रता । किसी को यकीन होगा क्या । ………… शेष कहानी मे…… आप यकीन करेंगे