पापा आ गए... - पापा आ गए....

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कभी कभी जब हम इस जिंदगी की भाग दौड़ को पीछे छोड़ एकांत में कुछ पल बिताते है तो बहुत से सुलझे अनसुलझे सवालों से हमारा सामना होता है।जैसे की जब भी हम कभी बीती बातों को गौर करते है, तो पाते है कि, अरे! ऐसा भी होता है।भूत में हुए उन सभी खट्टी मीठी यादों को यथार्त में गौर करना ही पुनरावृति है, जैसे कि...."मैं" बचपन में जब अपनी जन्मस्थली यानी की गाँव को छोड़ आगे की पढ़ाई के लिए शहर आया तो कँहा जानता था कि, जिंदगी का यह नया अध्याय मेरी जिंदगी में बहुत से रोमांच पैदा