यह कहानी एक हास्य-व्यंग्य है जो अपने ऊपर हँसना सीखाती है। आज-कल हम अपने ऊपर हँसना भूल गए हैं। अपने मोटापे पर यदि अपमानित महसूस करने की बजाए हँसना सीखें तो ज़िंदगी कितनी बेहतर हो जाए।