एक छोटी सी कहानी है जिसका इरादा थोड़ा पाठको को हंसाने का है, कोई खास शिक्षा तो नहीं है इसमें, हाँ आप थोड़ा सोच में पड़ेंगे कि फिर बाद में और क्या हुआ, क्या उसने पैसे लौटाए, आखिए इस कहानी में हीरो कौन है, सच कौन बोल रहा है, दरअसल इस कहानी कएक मतलब ये भी है की दुनिया वैसी हीं होती है जैसा आप देखते हैं।